पुराणों के अनुसार शिवजी जहाँ जहाँ खुद प्रकट हुए, उन स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को ज्योतिर्लींगों के रूप में पूजा जाता है | एसा कहा जाता है कि इन जगहों पर भगवान शिव स्वयं विराजमान हैं | भगवान शिव के उन्हीं 12 स्थानों के बारे में बता रहे हैं जिं के ही दर्शन करने मात्र से ही व्यक्ति के सारे पापों से मुक्ति मिलती है |
1. सोमनाथ - गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को इस पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है | कहा जाता है इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं चंद्रदेव ने की थी | इस मंदिर का महत्व भगवान शिव के कैलाश पर्वत के समान कहा गया है |
2. महाकालेश्वर - यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन नगर में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है | ये एक मात्र दक्षिण-मुखी ज्योतिर्लिंग है |
3. ओंकार्रेश्वर - ये शिवलिंग मध्यप्रदेश में नर्मदा किनारे मांधता पर्वत पर स्थित है | यह ओम का आकार लिए है इसलिए इसको ओंकार्रेश्वर नाम से जाना जाता है |
4. केदारनाथ - यह ज्योतिर्लिंग हिमालय की केदारनाथ नामक छोटी पर स्थित है | यह अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदियों के तट पर स्थित है |
5. भीमाशंकर - भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे ज़िले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है | कहते हैं इसके दर्शन से सात जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं |
6. विश्वनाथ - यह शिवलिंग काशी में स्थित है | बताया जाता है हिमालय को छोड़ कर भगवान शिव ने यहीं स्थाई निवास बनाया था |
7. त्रय्म्ब्केश्वर - यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक से 30 कि.मी. पश्चिम में गोदावरी नदी के समीप स्थित है | भगवान शिव का एक नाम त्रय्म्ब्केश्वर भी है |
8. बैजनाथ - झारखंड के संथाल परगना के दुमका नामक जनपद में यह शिवलिंग है | बताया जाता है कि रावण अपने तप के बल से भगवान शिव को लंका ले जा रहा था लेकिन रास्ते में व्यवधान आ जाने से शर्त के अनुसार शिवजी यहीं स्थापित हो गये |
9. रामेश्वरम - यह ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथपुरम नामक स्थान में स्थित है | बताया जाता है लंका पर चढ़ाई से पहले भगवान राम ने इस शिवलिंग की स्थापना की थी | इसलिए इसका नाम रमेश्वरम कहा जाता है |
10. नागेश्वरम - भगवान की इच्छा अनुसार इस ज्योतिर्लिंग का नामकरण किया गया है | कहा जाता है जो पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ यहाँ आता है उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं |
11. मल्लिकार्जुन स्वामी - यह ज्योतिर्लिंग कुरनूल जनपद में एक पर्वत पर स्थित है | इसको श्रीसाइला नाम से भी जाना जाता है | यह एक मात्र स्थान है जहाँ शक्तिपीठ और ज्योतिर्लिंग साथ-साथ हैं |
12. ग्रीष्नेश्वर - यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के ग्रीष्नेश्वर में स्थित है | इसको धुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से भी जाना जाता है |